Friday, May 23, 2008

mere vichaar

मुझे कविता और शेरो-शायरी लिखना अच्छा लगता है। मुझे निदा फाजली की गजलें और जावेद अख्तर ,गुलजार साहब,मजाज लखनवी,फैज आदि की गजलें पसन्द हैं---
"हमारे शौक की ये इन्तहा थी
कदम रखा के मन्जिल रास्ता थी॥"
--जावेद अख्तर
"पत्थरों के भी दिल होते हैं, जुबान होती है
अपने घर के दरो दीवार सजाकर देखो॥"----निदा फाजली

3 comments:

pihu said...

i really appreciate ur blog..par mujhe sachhi kuch samajh nai aaya :P

Anonymous said...

are bhai, blog banaya hai to likhte bhi rahiye, kuch log padhne ka intjar kiya karte hai.

iam also from Lucknow

Sanjeet Tripathi said...

गुड है जी, स्वागत है ब्लॉगजगत में।
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'हर चेहरे पर होते हैं कई चेहरे
जिसको भी देखो कई बार देखो।'
-----निदा फाज़ली---------------