Wednesday, November 5, 2008

हर हंसी मंजर से यारों फासला कायम रखो,

चाँद गर जमीं पर उतरा देख कर डर जाओगे॥

देख कर बच्चा बोला मस्जिद आलीशान,

बस एक खुदा के लिए इतना बड़ा मकान॥

बच्चों के छोटे हाथों को चाँद-सितारे छूने दो,

चार किताबें पढ़कर कल को ये भी हमारी तरह हो जाएंगे॥