Friday, May 23, 2008

mere vichaar

मुझे कविता और शेरो-शायरी लिखना अच्छा लगता है। मुझे निदा फाजली की गजलें और जावेद अख्तर ,गुलजार साहब,मजाज लखनवी,फैज आदि की गजलें पसन्द हैं---
"हमारे शौक की ये इन्तहा थी
कदम रखा के मन्जिल रास्ता थी॥"
--जावेद अख्तर
"पत्थरों के भी दिल होते हैं, जुबान होती है
अपने घर के दरो दीवार सजाकर देखो॥"----निदा फाजली