हर हंसी मंजर से यारों फासला कायम रखो,
चाँद गर जमीं पर उतरा देख कर डर जाओगे॥
देख कर बच्चा बोला मस्जिद आलीशान,
बस एक खुदा के लिए इतना बड़ा मकान॥
बच्चों के छोटे हाथों को चाँद-सितारे छूने दो,
चार किताबें पढ़कर कल को ये भी हमारी तरह हो जाएंगे॥
देख कर बच्चा बोला मस्जिद आलीशान,बस एक खुदा के लिए इतना बड़ा मकान॥khubsurat pantiyan.mere blog par aakar utsah bardhan ke liye dhanyabad.-----------------"Vishal" Lucknow
This poem is awsome.I agree with your view point.Thankyou for your support too!!
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2 comments:
देख कर बच्चा बोला मस्जिद आलीशान,
बस एक खुदा के लिए इतना बड़ा मकान॥
khubsurat pantiyan.
mere blog par aakar utsah bardhan ke liye dhanyabad.
-----------------"Vishal" Lucknow
This poem is awsome.
I agree with your view point.
Thankyou for your support too!!
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