परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता,
किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता॥
बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फासला कायम रखना,
जहाँ दरिया समुन्दर से मिला,दरिया नहीं रहता॥
एक गरीब शख्स ने हाथ जोड़कर पूछा,
कहीं नींद हो तो उधार दे मुझे,कहीं ख्वाब हो तो बता मुझे॥
बातें कम कीजे जेहानत को छुपाते रहिये,
ये नया शहर है कुछ दोस्त बनाते रहिये॥
न हो कुछ भी सिर्फ सपना हो तो भी हो सकती है शुरुवात
और वह शुरुवात ही तो है कि वहाँ एक सपना है॥
ठोकर खाकर भी न संभले ये मुसाफिर का नसीब,
हक अदा करते हैं राह के पत्थर अपना॥
अजीब शख्स है नाराज होके हँसता है,
मैं चाहता हूँ वो नाराज हो तो नाराज लगे॥
Sunday, October 26, 2008
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